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दिल के चंद एहसास



बड़ी मुद्दतों बाद, काँटों में इक गुलाब खिला
तन्हा सफर में मुझे, मेरा यार मिला।।
जब भी देखूँ सनम, मैं तुम्हारा हंसी चेहरा
तब-तब लगे मुझे आज, पूनम का चाँद निकला।।



----विचार एवं शब्द-सृजन----
----By---
----Shashank मणि Yadava’सनम’----
---स्वलिखित एवं मौलिक रचना---

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9 Comments

Supriya Pathak

17-Sep-2022 11:42 PM

Achha likha hai

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Swati chourasia

16-Sep-2022 09:46 PM

बहुत खूब

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सभी का बहुत बहुत धन्यवाद

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